Tuesday, March 29, 2011

पंजीकृत हो चुके विद्यालयों की संख्या

पर्यावरण मित्र कार्यक्रम के तहत उत्तर प्रदेश राज्य में अब तक पंजीकृत किये जा चुके विद्यालयों की कुल संख्या 470 पहुँच गयी है. यह आंकडे राज्य के विभिन्न जनपदों में कार्यरत सहभागी संस्थाओं (२ संस्थाओं) और पर्यावरण शिक्षण केंद्र के अन्य कार्यक्रमों के अंतर्गत सम्मिलित विद्यालयों  के द्वारा भरे गए पंजीकरण प्रपत्र के आधार पर लिखी गयी है.

जिले जहाँ से विद्यालयों का अब तक पंजीकरण किया जा चूका है, निम्नवत है:
इलाहबाद.
उन्नाव.
कानपूर.
नॉएडा.
आगरा.
लखनऊ.

शेष जिलों में पंजीकरण एवं शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जा चूका है, इन जिलों के रिपोर्ट एवं पंजीकरण प्रपत्रों की प्रतीक्षा की जा रही है.

इ-पहल संस्था, इलाहाबाद द्वारा इलाहाबाद जनपद में शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन

इ-पहल संस्था, इलाहाबाद द्वारा २६ फ़रवरी २०११ को इलाहाबाद जनपद में शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसकी रिपोर्ट आज इस ब्लॉग पर लगायी जा रही है.



Sunday, March 27, 2011

उन्नाव जिले में गंगा संस्था द्वारा आयोजित पर्यावरण मित्र शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशाला पर प्रस्तुत एक रिपोर्ट

गंगा संस्था द्वारा १० मार्च २०११ को उन्नाव जनपद में शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसकी रिपोर्ट आज इस ब्लॉग पर लगायी जा रही है.



Tuesday, March 8, 2011

शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशाला पर गंगा संस्था द्वारा प्रस्तुत एक रिपोर्ट

गंगा संस्था द्वारा ५ फ़रवरी २०११ को कानपूर नगर में शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसकी रिपोर्ट आज इस ब्लॉग पर लगायी जा रही है.


Tuesday, March 1, 2011

पर्यावरण मित्र कौन है ?

पर्यावरण मित्र वह छात्र अथवा शिक्षक या कोई भी व्यक्ति है जिसने जागरूकता से सकारात्मक कार्यवाही की ओर कदम उठाये हों. यह एक ऐसा व्यक्ति है जो घर, विद्यालय, समुदाय और उसके परे भी सहयोगी कार्यवाहियों को बढ़ावा देने के लिए नेतृत्व की भूमिका निभाने के साथ साथ अपने उत्तर्दयित्वो का भी पालन करता/करती हो.

पर्यावरण मित्र के रूप में छात्र के पास वैश्विक एवं स्थानीय मुद्दों तथा पर्यावरण से सम्बंधित चुनौतियों के बारे में पर्याप्त ज्ञान हो. स्वयं को पर्यावरण के क्षेत्र में, आदर्श के रूप में स्थापित कर नेतृत्व की क्षमता का प्रदर्शन करता/करती हो व पर्यावरण संरक्षण एवं जलवायु परिवर्तन को कम करने के लिए स्वयं सेवा की भावना के साथ-साथ अपने आस-पास के लोगो को प्रभावित करता हो और इस प्रकार से वह पर्यावरण एवं सामाजिक हित में योगदान देता हो.